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झारखंड में राज्यपाल ने की राष्ट्रपति शासन की सिफारिश

नई दिल्लीः झारखंड के राज्यपाल सैयद अहमद ने विधानसभा को निलंबित रखने और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किये जाने की सिफारिश की है। सूत्रों का कहना है कि राज्यपाल ने जेएमएम के समर्थन वापस लेने से उत्पन्न स्थिति में झारखंड के मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के इस्तीफा देने के बाद राज्य की राजनीतिक स्थिति को देखते हुये केंद्र से ये सिफारिश की है।

केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे झारखंड के राज्यपाल से प्रारंभिक रिपोर्ट मिली है। मैं इसे देखूंगा। किसी फैसले के लिये कुछ समय तक प्रतीक्षा कीजिये।’’

गौरतलब है कि मुंडा ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया है और उनके मंत्रिमंडल ने विधानसभा को भंग करने की सिफारिश की थी। वर्तमान राजनीतिक संकट उस समय शुरू हुआ जब भाजपा के सत्तारुढ़ गठबंधन की सहयोगी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने राज्यपाल को एक पत्र लिखकर 28 महीने पुरानी सरकार से औपचारिक रूप से अपना समर्थन वापस ले लिया जिससे सरकार अल्पमत में आ गई। 82 सदस्यीय राज्य विधानसभा में भाजपा और जेएमएम के 18-18 सदस्य हैं।

टेबल नं0 21 ड्रामा और सस्पेंस से लबरेज़

बैनर : इरोज इंटरनेशनल, नेक्स्ट जेन फिल्म्स प्रोडक्शन्स
कलाकार : परेश रावल, राजीव खंडेलवाल, टीना देसाई
निर्माता : सुनील लुल्ला, विकी राजानी
निर्देशक : आदित्य दत्त

टेबल नंबर 21 एक थ्रिलर है। विवान (राजीव खंडेलवाल) और सिया (टीना देसाई) के कॉलेज की दोस्ती शादी में बदल जाती है। अपनी शादी की पांचवी सालगिरह पर वो एक शानदार द्वीप पर जाते हैं जहां उनकी मुलाकात खान (परेश रावल) से होती है। बातों-बातों में खान उन्हें एक खेल का लालच देता है जिसका ईनाम 21 करोड रूपए है। विालन को ये खेल आर्थिक दृष्टि से काफी रोचक लगता है। खेल का बस एक ही नियम है ‘‘अगर झूठ बोला तो मारे जाओगे।’’ इस खेल को इंटरनेट पर पूरी दुनिया भर में लोग देखते हैं। जैसे-जैसे विवान राउंड जीतता है उसके अकाउंट में पैसे ट्रांसफर होते जाते हैं, लेकिन खेल का लेवल कठिन होने के साथ ही विवान और सिया समझ जाते हैं कि बिना किसी बडे नुकसान के वो ये खेल नहीं छोड पाएंगे।

शांतनु रे और शीर्षक आनंद की कहानी ‘‘टेबल नंबर 21’’ संजय दत्त की फिल्म ‘‘जंदा’’ की काफी याद दिलाती है।
फिल्म दर्शकों को अपनी सीट पकड कर बैठने के लिए मजबूर करेगी क्योंकि आप सोच ही नहीं सकते कि आगे क्या होगा। हालांकि एक बार जब खेल खतरनाक हो जाता है उसके बाद दर्शकों को आने वाले ड्रामे का अंदाजा लग सकता है और तभी फिल्म थोडी बोरिंग और थकाऊ लगने लगती है।

हालांकि खेल में विवान और सिया को ये भी समझ आता है कि खान उनके अतीत के बारे में काफी कुछ जानता है। फिल्म वर्तमान और फ्लैश बैक में झूलती है और जब आखिरी फ्लैश बैक शुरू होने वाला होता है तब तक दर्शकों को सस्पेंस का लगभग अंदाजा लग जाता है, लेकिन फिर भी दर्शकों के लिए संसपेंस बना रहता है। शांतनु, शीर्षक और अभिजीत देशपांडे की पटकथा काफी रोचक है।

सबसे जरूरी बात ये है कि क्योंकि फिल्म थोडी अलग है इसलिए मसाला फिल्म देखने वाले दर्शकों को शायद पसंद ना आए। फिल्म की सबसे बडी खामी ये है कि दर्शक विवान और सिया के लिए जरा भी हमदर्दी नहीं दिखा पाते क्योंकि लेखकों ने दोनों किरदारों के बारे में ज्यादा कुछ बताया ही नहीं।

अभिजीत द्वारा लिखे डायलॉग्स में दम है और आपके चेहरे पर हंसी भी लाते हैं। खान की भूमिका में परेश रावल ने शानदार भूमिका अदा की है। छोटे पर्दे से बड़े पर्दे पर आये राजीव खंडेलवाल भी विवान के रोल में जमे हैं। उन्होंने किरदार की परेशानी और ईमानदारी को बखूबी दिखाया है। टीना देसाई ने भी सिया का रोल प्रभावशाली तरीके से निभाया। आदित्य दत्त का निर्देशन बढिया है। कहानी में थोडी स्पीड और होती तो अच्छा होता। हालांकि फिल्म में गानों के लिए जगह नहीं है फिर भी गीत डाले गए हैं। अमर मोहिले का बैकग्राउंड स्कोर बेहतर हो सकता था। फिजी की लोकेशन बेहद मनमोहक है। कुल मिलाकार टेबल नं 21 एक बांध कर रखने वाली रोमांचक फिल्म है, बल्कि कुछ नया भी देखने को मिलता है। विवान और सिया ये खेल जीत पाते हैं।

21 करोड रूपए ईनाम को विवान और सिया जीत पाते है या नहीं और उन्हें क्या मुसीबते आती है आखिर कौन है खान और वो इन दोनों के बारे में इतना कुछ कैसे जानता है। यह जानने के लिए फिल्म ज़रुर देखें।

राजस्थान में शर्मिला टैगोर होंगी सम्मानित

जयपुर। राजस्थान के जयपुर में आयोजित हो रहे 5वें जयपुर इन्टरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (जे.आई.एफ.एफ.) में विश्व भर का श्रेष्ठ सिनेमा, फिल्म जगत की बेहतरीन जानकारी रखने वाले निमार्ता, निर्देशक, एक्टर्स, न्यू कमर्स और स्टोरी राइटर्स के साथ-साथ फिल्मी जगत की जानी मानी हस्तियां एक ही छत के नीचे इकट्ठे होंगे। जयपुर इन्टरनेशन फिल्म फेस्टिवल 30 जनवरी से 03 फरवरी तक जयपुर में अयोजित होगा। समारोह में अभिनेत्री शर्मिला टैगोर, प्रेम चोपड़ा, गौतम घोष, दिया मिर्जा, आनन्द पटवर्धन के साथ-साथ देश -विदश के सैकड़ों फिल्म मेकर्स शामिल होंगे।

अपने अदाएगी से लोगो के दिलों पर राज करने वाली अभिनेत्री शर्मिला टैगोर को इस वर्ष जयपुर इन्टरनेशन फिल्म फेस्टिवल के तीसरे लाईफ टाइम अचीवमेन्ट अवॉर्ड से नवाजा जाएगा। इस दौरान उनकी बेहतरीन फिल्मों की स्क्रीनिंग भी की जायेगी।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले फिल्म अभिनेत्री आशा पारेख व जया बच्चन को लाईफ टाइम अचीवमेन्ट अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है।

जयपुर इन्टरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में इन्टरनेशनल व नेशनल सिनेमा के अलावा राजस्थानी सिनेमा को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके तहत यूटीआर राजस्थान कैटेगरी में जो राजस्थानी फिल्में जयपुर इन्टरनेशन फिल्म फेस्टिवल में स्क्रीनिंग के लिए सलेक्ट की गई है, उनमें से बेहतरीन तीन फिल्मों को कैश अवार्ड देकर सम्मानित किया जायेगा ।

जयपुर इन्टरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के डायरेक्टर हनु ने जानकारी देते हुए बताया कि हर बार की तरह इस बार भी फेस्टिवल में नई और अलग चीजों को महत्व दिया गया है। मीडिया के लिए अलग से मीडिया सेन्टर होगा, जहां पर मीडिया से जुडे़ लोग फिल्मों से जुड़ी जानकारियों के अलावा फेस्टिवल में शामिल हो रही फिल्में भी देख सकेंगे।